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सामाजिक रुतबा ही सामाजिक चेतना को तय करता था / रॉक डाल्टन / अनिल जनविजय

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पतझड़ की घण्टियाँ पहले हिमपात को कठिन बना देती हैं
(पतझड़ का मौसम पहली बर्फ़बारी के बाद रास्तों को दुरुह बना देता है)

मानो पवित्र सन्त हों शैतान
और फूस की बनी पुरानी गुड़िया हो जलने को तैयार

अगर तुम थोड़ी-सी लापरवाही दिखाओगे, प्रिय !
तो भयंकर खाँसी से बच्चों को होगी इतनी परेशानी
कि उनके लिए (बाल संगीत मण्डली अनीता ला ह्यूरफ़ानिता के लिए)
एक दिन ही पूरे जीवन में बदल जाएगा
और स्वस्थ व मोटे-ताज़े लोगों के बीच यही एक रोना सुनाई देगा

किसी भी हालत में आपको एक समाजवादी देश में काम करना चाहिए
और स्कार्फ़ या दस्ताने ख़रीदने की कामना नहीं करनी चाहिए
प्रेम करना ही आधारभूत अध्यात्मविज्ञान है ।
मैं कामना करता हूँ कि आपकी बकाइन की लकड़ी से बनी वायलिन की आवाज़
फिर से सागर - तट पर सुनाई देने लगे
जहाँ आप नाभि - नाभि तक अपने बदन को फूलों से ढक सकेंगे ।

ओह, अब मैं भी एक अफ़सर हूँ
दुनिया की सबसे छोटी कम्युनिस्ट पार्टी का एक अफ़सर
जो यह कोशिश करेगा कि देश में क्रान्ति हो, पर हज़ारों लोगों की मौत न हो इस क्रान्ति में
क्योंकि अगर क़ब्रें बनेंगी
तो राष्ट्रीय स्तर पर खेती के कोई आसार बाक़ी नहीं बचेंगे ।

मूल स्पानी से अनुवाद : अनिल जनविजय

और अब पढ़िए इस कविता को मूल स्पानी भाषा में
                              Roque Dalton
   EL SER SOCIAL DETERMINA LA CONCIENCIA SOCIAL

Las campanas del otoño hacen difícil la primera nevada.

Como si el sacristán fuera el demonio
viejo muñeco de paja puesto a arder para siempre.

La tristeza de la tos
y si te descuidas un poco, cariño,
la vida se te vuelve una jornada de Anita la Huerfanita
un solo llanto entre gordos.

En todo caso trabajar en un país socialista
y no ganar para comprar bufanda o guantes
hace amar la metafísica fundamental
desear su violín lila para volver
a la playa donde puedes hartarte de flores por el ombligo.

Ay es que soy funcionario
del Partido Comunista más chiquito del mundo
uno que tratará de hacer su revolución sin miles de muertitos
porque se arruinarían las posibilidades de la agricultura nacional
con las tumbas.