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सामाजिक / इधर कई दिनों से / अनिल पाण्डेय
Kavita Kosh से
समन्वय है
जानवरों में हमसे अधिक
दिखावा नहीं किया
सभ्य होने का किसी ने
आफत विपत जब भी पड़ी
किया सामना मिल कर सभी ने