सारी उमर गई टोट्टे म्हं ना खाया टूक गुजारे तै / मांगेराम
सारी उमर गई टोट्टे म्हं ना खाया टूक गुजारे तै
कोणसा खोट बण्या साजन गई रूस लक्ष्मी म्हारे तै
राजवाड्यां के राजा शाही ठाठ बिगड्ज्यां टोट्टे म्हं
दर-दर भीख मांगते हांडै लाट बिगड़ज्यां टोट्टे म्हं
यारे प्यारे सगे सम्बन्धी तीन सौ साठ बिगड़ज्यां टोट्टे म्हं
दान पुन सब व्यर्थ तीर्थ घाट बिगड़ज्यां टोट्टे म्हं
तनै धोरै बैठण देता ना कोये ताहया जा पिया सारे तै
टोट्टे आळे माणस का पिया नहीं किसे संग प्यार रहै
मां का जाया दुश्मन बणज्या हरदम खाए खार रहै
बोल में बोल मिलै ना किसे का न्यू घर म्हं तकरार रहै
काम म्हं बरकत कती नहीं जब धुर तै पाटी सार रहै
इस तै आच्छा मौत भली के चालै काम कसारे तै
लुच्चा गुंडा बेईमान ये नाम धरे जां टोट्टे म्हं
तेरे याणे बाळक भूखे घर में रूदन करें जां टोट्टे म्हं
उस कृष्ण नै जा कै कहदे हम कती मरे जां टोट्टे म्हं
भीड़ पड़ी म्हं सहारा लादे के दगा करेगा प्यारे तै
कोण से जन्म का श्राप सेदग्या हम बणे खड़े कंगाल पिया
टोट्टे नै म्हारी कमर तोड़ दी आती कोन्या चाल पिया
‘मांगेराम’ गुरु लख्मीचन्द ये करे टोट्टे नै कैल पिया
भीड़ पड़ी म्हं मदद करेगा खुद कृष्ण गोपाल पिया
कोण सा बदला लेवै लक्ष्मी इस भृगु वंश बेचारे तै