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सारी दुनिया भुलाए बैठे हैं / हरि फ़ैज़ाबादी
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सारी दुनिया भुलाए बैठे हैं
आप किसमें समाए बैठे हैं
बोझ दिल पर बढ़ाए बैठे हैं
बेसबब मुँह फुलाए बैठे हैं
फ़िक्र किस बात की करें बेटे
बाप सब तो बनाए बैठे हैं
उनको अब भी तलाश है उसकी
जो जुए में गँवाए बैठे हैं
राज़ कुछ है ज़रूर नेता जी
आज धूनी रमाए बैठे हैं
हाथ हिलाते हुए न घर जाना
आस बच्चे लगाए बैठे हैं
आप कुछ सोचिए नहीं जब तक
आपके सर के साये बैठे हैं