सारी दुनिया हरी भरी होगी
ये लड़ाई जो आख़िरी होगी
आप बैसाखियों पे चलते हैं
आप से ख़ाक रहबरी होगी
कोशिशें ग़र दिखावटी होंगी
कामयाबी भी ऊपरी होगी
आज जो फ़ाख़्ते उड़ाते हैं
उनके हाथों में कल छुरी होगी
रेत नीचे की अब तलक नम है
कोई नद्दी यहाँ मरी होगी
बोल देना बहार आएगी
कोई पत्ती अगर हरी होगी