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सारे जहाँ से अच्छा / काका हाथरसी

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सारे जहाँ से अच्छा है इण्डिया हमारा,
हम भेड़-बकरी इसके यह गड़ेरिया हमारा ।

सत्ता की खुमारी में, आज़ादी सो रही है,
हड़ताल क्यों है इसकी पड़ताल हो रही है,
लेकर के कर्ज़ खाओ यह फर्ज़ है तुम्हारा,
सारे जहाँ से अच्छा है इण्डिया हमारा ।

चोरों व घूसखोरों पर नोट बरसते हैं,
ईमान के मुसाफ़िर राशन को तरसते हैं,
वोटर से वोट लेकर वे कर गए किनारा,
सारे जहाँ से अच्छा है इण्डिया हमारा ।

जब अंतरात्मा का मिलता है हुक्म, काका !
तब राष्ट्रीय पूँजी पर वे डालते हैं डाका,
इनकम बहुत ही कम है होता नहीं गुज़ारा,
सारे जहाँ से अच्छा है इण्डिया हमारा ।

हिन्दी के भक्त हैं हम, जनता को यह जताते,
लेकिन सुपुत्र अपना कानवेण्ट में पढ़ाते,
बन जाएगा कलक्टर देगा हमें सहारा,
सारे जहाँ से अच्छा है इण्डिया हमारा ।

फ़िल्मों पे फिदा लड़के, फ़ैशन पे फ़िदा लड़की,
मज़बूर मम्मी-पापा, पॉकिट में भारी कड़की,
बॉबी को देखा जबसे बाबू हुए आवारा,
सारे जहाँ से अच्छा है इण्डिया हमारा ।

ज़ेवर उड़ा के बेटा, मुम्बई को भागता है,
ज़ीरो है किन्तु ख़ुद को हीरो से नापता है,
स्टूडियो में घुसने पर गोरखा ने मारा,
सारे जहाँ से अच्छा है इण्डिया हमारा ।