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सारे रिश्तों को तोड़ कर जाना / अभिषेक कुमार अम्बर

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सारे रिश्तों को तोड़ कर जाना
पर न मुंह मुझसे मोड़ कर जाना
साथ जीने की कसमें खाई हैं
अब न राहों में छोड़ कर जाना