केले के पत्तों पर
बूँदें मोतियों सी उछल रही है
नीचे उछलते कूदते बच्चे
अंजुरी भर भर कर
लूट रहे हैं सृष्टि का वैभव
सावन
बच्चों की हँसी मे झर झर बरस रहा है ।
केले के पत्तों पर
बूँदें मोतियों सी उछल रही है
नीचे उछलते कूदते बच्चे
अंजुरी भर भर कर
लूट रहे हैं सृष्टि का वैभव
सावन
बच्चों की हँसी मे झर झर बरस रहा है ।