खिलते हैं दिलों में फूल सनम सावन के सुहाने मौसम में
होती है सभी से भूल सनम सावन के सुहाने मौसम में ।
- यह चाँद पुराना आशिक़ है
- दिखता है कभी छिप जाता है
- छेड़े है कभी ये बिजुरी को
- बदरी से कभी बतियाता है
यह इश्क़ नहीं है फ़िज़ूल सनम सावन के सुहाने मौसम में।
- बारिश की सुनी जब सरगोशी
- बहके हैं क़दम पुरवाई के
- बूंदों ने छुआ जब शाख़ों को
- झोंके महके अमराई के
टूटे हैं सभी के उसूल सनम सावन के सुहाने मौसम में
- यादों का मिला जब सिरहाना
- बोझिल पलकों के साए हैं
- मीठी सी हवा ने दस्तक दी
- सजनी कॊ लगा वॊ आए हैं
चुभते हैं जिया में शूल सनम सावन के सुहाने मौसम में।