सिन्धुग्राही मौन धीरज की बनी
- दृढ़ मूर्तियों का
काल-अविजित शिल्प-संवेदन मुखर है,
सुघड़-अंगी दीप्तियों के
- मिलन-चुम्बन का प्रहर्षण
कमल-वलयित भ्रमर-गुंजित
हृदय पुर में आज भी है ।
सिन्धुग्राही मौन धीरज की बनी
काल-अविजित शिल्प-संवेदन मुखर है,
सुघड़-अंगी दीप्तियों के
कमल-वलयित भ्रमर-गुंजित
हृदय पुर में आज भी है ।