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सिन्धुग्राही मौन धीरज की बनी / केदारनाथ अग्रवाल
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सिन्धुग्राही मौन धीरज की बनी
- दृढ़ मूर्तियों का
काल-अविजित शिल्प-संवेदन मुखर है,
सुघड़-अंगी दीप्तियों के
- मिलन-चुम्बन का प्रहर्षण
कमल-वलयित भ्रमर-गुंजित
हृदय पुर में आज भी है ।