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सियासत में अगर थोड़ा बहुत ईमान हो जाये / जयकृष्ण राय तुषार
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सियासत में अगर थोड़ा -बहुत ईमान हो जाए
वही सोने की चिड़िया फिर से हिन्दुस्तान हो जाए
ये भ्रष्टाचार की लंका भी जल जाएगी लम्हों में
हमारे दौर का बच्चा कोई हनुमान हो जाए
जो दिल्ली के मसाइल पर कभी बातें नहीं करता
उसे क्या हक है कि यू० पी० में वो हैरान हो जाए
सियासत सर झुका लेगी तेरे कदमों में ऐ साथी
अगर सौ फीसदी इस देश में मतदान हो जाए
हमारे रहनुमा ईमान खो बैठे दुआ करिए
कोई डाकू अब अपने मुल्क का परधान हो जाए