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सिर्फ़ तुम्हारे लिए... सिमोन / शुभम श्री

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 (1)

तुमने मुझे क्या बना दिया, सिमोन ?
सधे क़दमों से चल रही थी मैं

उस रास्ते पर
जहाँ

जल-फूल चढ़ाने लायक
'पवित्रता'
मेरे इन्तज़ार में थी

ठीक नहीं किया तुमने...
ऐन बीच रस्ते धक्का दे कर
गलीज भाषा में इस्तमाल होने के लिए

बोलो ना सिमोन, क्यों किया तुमने ऐसा ?

(2)

'तुम
मेरे भीतर शब्द बन कर
बह रहे हो

तिर रहा है प्यास-सा एहसास
बज रही है
एक कोई ख़ूबसूरत धुन'

काश ऐसी कविता लिख पाती
तुमसे मिलने के बाद

मैंने तो लिखा है
सिर्फ़
सिमोन का नाम

पूरे पन्ने पर
आड़े-तिरछे

(3)

मुझे पता है
तुम देरिदा से बात शुरू करोगे

अचानक वर्जीनिया कौंधेगी दिमाग़ में
बर्ट्रेंड रसेल को कोट करते करते

वात्स्यायन की व्याख्याएँ करोगे
महिला आरक्षण की बहस से

मेरी आज़ादी तक
दर्जन भर सिगरेटें होंगी राख़

तुम्हारी जाति से घृणा करते हुए भी
तुमसे मैं प्यार करूँगी

मुझे पता है
बराबरी के अधिकार का मतलब
नौकरी, आरक्षण या सत्ता नहीं है
बिस्तर पर होना है
मेरा जीवन्त शरीर

जानती हूँ...

कुछ अन्तरंग पल चाहिए
'सचमुच आधुनिक' होने की मुहर लगवाने के लिए

एक 'एलीट' और 'इंटेलेक्चुअल' सेक्स के बाद
जब मैं सोचूँगी

मैं आज़ाद हूँ
सचमुच आधुनिक भी...
तब

मुझे पता है
तुम एक ही शब्द सोचोगे
'चरित्रहीन'

(4)

जानती हो सिमोन,

मैं अकसर सोचती हूँ
सोचती क्या, चाहती हूँ

पहुँचाऊँ
कुछ प्रतियाँ 'द सेकण्ड सेक्स' की

उन तक नहीं
जो अपना ब्लॉग अपडेट कर रही हैं

मीटिंग की जल्दी में हैं
बहस में मशगूल हैं

'सोचनेवाली औरतों' तक नहीं

उन तक

जो एक अदद दूल्हा ख़रीदे जाने के इन्तज़ार में

बैठी हैं

कई साल हो आए जिन्हें
अपनी उम्र उन्नीस बताते हुए

चाहती हूँ

किसी दिन कढ़ाई करते
क्रोशिया चलते, सीरियल देखते

चुपके से थमा दूँ एक प्रति
छठे वेतन आयोग के बाद

महँगे हो गए हैं लड़के
पूरा नहीं पड़ेगा लोन

प्रार्थना कर रही हैं वे
सोलह सोमवार

पाँच मंगलवार सात शनिवार
निर्जल...निराहार...


चाहती हूँ
वे पढ़ें
बृहस्पति व्रत कथा के बदले
तुम्हें, तुम्हारे शब्दों को
जानती हो
डर लगता है
पता नहीं

जब तक वे खाना बनाने
सिलाई करने, साड़ियों पर फूल बनाने के बीच

वक़्त निकालें
तब तक

संयोग से कहीं सौदा पट जाए
और
तीस साल की उम्र में

इक्कीस वर्षीय आयुष्मती कुमारी के
परिणय सूत्र में बँधने के बाद

'द सेकण्ड सेक्स' के पन्नों में
लपेट कर रखने लगें अपनी चूड़ियाँ

तब क्या होगा, सिमोन ?