भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
सीधा रास्ता / तस्लीमा नसरीन
Kavita Kosh से
|
अगर इच्छा है प्रेम में पड़ने की तो पड़ो
देखो मैंने बढ़ा दिए हैं दोनों हाथ
अगर इच्छा हो इन्हें थाम लो।
वक़्त नहीं है खड़ी रहूँ मैं राह में
समेट लेने ही हों हाथ
और अगर नहीं मिले मन की बात;
तो सामने से हट जाओ।
मूल बांग्ला से अनुवाद : मुनमुन सरकार