शक्ति होती है मौन (पेड़ कहते हैं मुझसे)
और गहराई भी (कहती हैं जड़ें)
और पवित्रता भी (कहता है अन्न)
पेड़ ने कभी नहीं कहा :
'मैं सबसे ऊँचा हूँ !'
जड़ ने कभी नहीं कहा :
'मैं बेहद गहराई से आई हूँ !'
और रोटी कभी नहीं बोली :
दुनिया में क्या है मुझसे अच्छा'
अँग्रेज़ी से अनुवाद : मंगलेश डबराल