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सीमा / सुशान्त सुप्रिय
Kavita Kosh से
मैं सीमा पर खड़ा था
मेरे साथ मेरा बेटा भी खड़ा था
मैंने कहा: बेटा, यह दोनों देशों की सीमा है
बेटे ने पूछा: पापा , सीमा कहाँ है?
मैंने कहा: बेटा, यही तो सीमा है
बेटा बोला: वह मुझे दिखाई क्यों नहीं देती?
जितना मैं बेटे को सीमा दिखाना चाहता
उतनी ही सीमा उसे नहीं दिखाई देती
तब जा कर मैं समझ पाया--
जो सीमा बाहर से ज़्यादा
हमारे दिलों में है
वह इस मासूम बच्चे को
कैसे दिखाई देगी