भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
सुँदर बदन राधे सोभा को सदन तेरौ / मतिराम
Kavita Kosh से
हिन्दी शब्दों के अर्थ उपलब्ध हैं। शब्द पर डबल क्लिक करें। अन्य शब्दों पर कार्य जारी है।
सुँदर बदन राधे सोभा को सदन तेरौ ,
बदन बनायो चारि बदन बनाय कै ।
ताकी रुचि लैन को उदित भयो रैनपति ,
मूढ़मति राख्यो निज कर बगराय कै ।
मतिराम कहै निसिचर चोर जानि याँहि ,
दीनी है सजाय कमलासन रिसाय कै ।
रातौ दिन फैरे अमरालय के आस पास ,
मुख मे कलँक मिस कारिख लगाय कै ॥
मतिराम का यह दुर्लभ छन्द श्री राजुल महरोत्रा के संग्रह से उपलब्ध हुआ है।