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सुंदर स्त्री / अंकिता जैन
Kavita Kosh से
वामा रूप धरे
श्रम साधती, स्वप्न पालती स्त्री
कुंठा रोग से ग्रस्त
हर उस पुरुष को खटकती है
जो बाहर से छैला
और
भीतर से विषैला है।