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सुखों से यदि भरा संसार होता / रंजना वर्मा

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सुखों से यदि भरा संसार होता
यहाँ हर क्षण नया त्यौहार होता

अगर आता सभी को रास सत्पथ
सभी को जीव से हर प्यार होता

कृपा होती सभी पर शारदा की
सदा सद्बुद्धि का सत्कार होता

नहीं सद्भाव यदि पलते हृदय में
न कोई स्वप्न तब साकार होता

न नदियाँ नीर लाकर डालतीं तो
भरा शायद न पारावार होता

हमारे मन मे सेवा- भाव हो यदि
तो' जीवन ईश का उपहार होता

जगे जो भाव- मानवता हृदय में
इसी से आत्म का श्रृंगार होता