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सुख-बोध / महेन्द्र भटनागर
Kavita Kosh से
बड़ी प्रतीक्षा के बाद खिले हैं
गमले में फूल,
पीले - पीले पुलकित फूल
झबरीले गेंदे के
टटके फूल !
बड़ी प्रतीक्षा के बाद खिले हैं
जीवन में फूल,
कोमल - कोमल गद गद् फूल,
मादन - मन भावों के
मादक फूल !
बड़े दिनों के बाद
मिले हैं
सावन - भादों के उपहार,
बड़े दिनों के बाद
सजे हैं
दरवाज़ों पर बंदनवार !