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सुणो पिताजी मनै किशन भाई से न्यारा करदे / रामकिशन व्यास
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सुणो पिताजी मनै किशन भाई से न्यारा करदे
जो कुछ घर मै चेज म्हारी अलग बांट के धरदे
न्यारे नहीं हुएंगे तो घर राड़ कसुती जागै
ईब सीर मै नहीं निभै चाहे कितना दुख हो आगै
मूस्सल तै के डर लागै जीब ऊखल के म्हां सिर दे
मन मौती और दुध बताया इनका एक सुभा से
पाटे पिछे फेर मिले ना यो कुदरत का न्या सै
न्यूके दुख देख्या जा सै टुकड़ा सब ने ईश्वर दे
कलह कलह का बासा हो सब दुनिया कहती आई
ना कोऐ ल्याता देख्या ना कोए लेगा गैल कमाई
ना चाहिये कौडी पाई मने अलग बसण नै घर दे
पिता सीर मै रहणे का मेरा आज हो लिया टाळा
“रामकिशन” न्यू कहरया सै यो ब्यास नारनौंद वाळा
वो के भाई साळा जड़ भाई की जो आप कतर दे