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सुदर्शन रत्नाकर / परिचय

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सुदर्शन रत्नाकर हिन्दी-जगत् की प्रसिद्ध साहित्यकार हैं। लगभग 58 वर्षों से साहित्य सेवा कर रही हैं। ये विगत 32 वर्ष से लघुकथा लेखन में सक्रिय हैं।
हरियाणा साहित्य अकादमी द्वारा 'महाकवि सूरदास आजीवन साहित्य साधना सम्मान' 2019 का 5 लाख रुपये, हरियाणा साहित्य अकादमी द्वारा 'श्रेष्ठ महिला रचनाकार' 2013 में एक लाख रुपये का सम्मान, 'दोष किसका था' कहानी-संग्रह को श्रेष्ठ कृति पुरस्कार, हरियाणा साहित्य अकादमी से चार बार कहानियाँ पुरस्कृत। केन्द्रीय विद्यालय संगठन से श्रेष्ठ शिक्षक का राष्ट्रीय हरियाणा साहित्य अकादमी की मासिक हरिगंधा पत्रिका के हाइकु विशेषांक का 2017 में सम्पादन,। विश्वविद्यालय से एम.फिल तथा पी.एच.डी की उपाधि हेतु छात्रों द्वारा शोध कार्य सम्पन्न।
इनकी 19 मौलिक पुस्तकों में 9 कहानी संग्रह- (फूलों की सुगंध, दोष किस का था, बस, अब और नहीं, मैंने क्या बुरा किया है, नहीं, यह नहीं होगा, मैं नहीं जानती, कितने महायुद्ध, चुनिंदा कहानियाँ, अलकनंदा) , 4-कविता संग्रह:-युग बदल रहा है, आसमान मेरा भी है, एक नदी एहसास की, 'उठो, आसमान छू लें।' 3 ताँका माहिया एवं हाइकु संग्रह, एक लघुकथा संग्रह:-साँझा दर्द, 2 उपन्यास:-क्या वृंदा लौट पाई, यादों के झरोखे, विश्व की विभिन्न पत्रिकाओं में प्रकाशन, कई रेडियो स्टेशन से प्रसारण।