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सुनऽ सुन हौ दादा नरूपिया / मैथिली लोकगीत

मैथिली लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

सुनऽ सुन हौ दादा नरूपिया
तोरा कहै छी दिल के वार्त्ता
सिंघलदीपमे राजा बसैय
सूरजा सिंह के नाम लगै छै
सभटा बात मैया दुर्गा बुझाबै छै
चल चल बौआ अगुआ भेज दे
अगुआ पठाबी सिंघलदीपमे दैइयौ यौ।
मनमे विचार नरूपिया करै छै
केकरा अगुआ सिंघलदीप भेजबै
तब हजमा चन्देसरा बजाबै छै
नौआगढ़ी से चन्देसरा अबै छै
छुरा चमौटी काँख दबाक
कैंची पेंचुआ हाथमे लऽकऽ
सुनऽ सुनऽ हौ बौआ चन्देसरा
तोरा कहै छी दिल के वार्त्ता
सभ के बिआह महिसौथा करीलीयै
एके बिआह करिकन्हा रहलै
एकेटा भगीना हमरा कहौलकै
जो जो सिंघलदीप राजा लगै छै
सूरजा सिंह बौआ नाम लगै छै
ओकरे जाँघि जनमल संझा छीयै
भागल हजमा सिंघलदीप जइयो
दिन मना सिंघलदीप लइयो
साजि बराती सिंघलदीप जइबै रौ
एमरी बिआह भगीना के करबै रौऽऽ।