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सुनो कहानी बापू की / प्रकाश मनु

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सुनो कहानी बापू की!

अंग्रेजी का अत्याचार
मचा रहा था हाहाकार,
तब आए थे सबसे आगे
लेकर मधुर प्रेम के धागे।
नया जोश, बनकर लहराई-
राम कहानी बापू की!
सुनो कहानी बापू की!

दुश्मन का भी सिर झुकता था
अन्यायी सचमुच डरता था,
बापू जब बोला करते थे
झर-झर-झर झरने झरते थे।
दुखियों को मरहम लगती थी
मीठी बानी बापू की।
सुनो कहानी बापू की!

जब तक है यह चरखा-खादी
हरी-भरी है जब तक वादी,
जब तक नीला आसमान है
हँसता-गाता यह जहान है।
मिट न सकी है, मिट न सकेगी
अमर निशानी बापू की!
सुनो कहानी बापू की!