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सुन्दरतम / रोज़ा आउसलेण्डर
Kavita Kosh से
प्यार से
बच निकलता हूँ मैं
तुम्हारे जादुई शिविर में
साँस लेते हुए जँगल में
जहाँ घास के सिरे
ख़ुद झुक जाते हैं
क्योंकि
इससे सुन्दर और कुछ नहीं है।
मूल जर्मन भाषा से प्रतिभा उपाध्याय द्वारा अनूदित