मैंने सोचा था मेरा दिल शान्त हुआ ऐसा बुझकर
मधुर प्रणय की ज्वाला इसमें कभी नहीं जल पाएगी,
मैंने कहा कि बीती घड़ियाँ, अन्त हुआ जिनका सत्वर,
नहीं पलटकर आएँगी फिर, नहीं पलटकर आएँगी ।
दूर गए उल्लास पुराने, दूर गईं अभिलाषाएँ,
दूर गए मनमोहक सपने जो थे आभा के आगार !
किन्तु सोचता था मैं जब यह लौट सभी तो वे आए,
उन्हें लिया था सुन्दरता ने अपने बल से पुनः पुकार !
अँग्रेज़ी से अनुवाद : हरिवंश राय बच्चन