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सुन्दर कनियां रामरतनियां हीरा मोती लागल केबाड़ हे / मैथिली लोकगीत

मैथिली लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

सुन्दर कनियां रामरतनियां हीरा मोती लागल केबाड़ हे
नव कनियां कनियां
ताहि कोबर अपन सासू पलंगा ओछौलनि सुतथु धी जमाय हे
नव कनियां कनियां
घुरि सुतू फिरि सुतू राजाजी के बेटवा अहूँ देह गरमी अपार हे
नव कनियां कनियां
एतबा वचन जब सुनलनि दुलहा घोड़ी पीठ भेला असवार हे
नव कनियां कनियां
रभसैत-चहकैत सरहोजि अयलथिन धय लेल घोड़ाक लगाम हे
नव कनियां कनियां
हँसैत-खेलैत जाउ हमरो नन्दोसिया, ईहो थिक कोबराक रीत हे
नव कनियां कनियां