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सुन-सुन गे देवी देवी असामरि / मैथिली लोकगीत

मैथिली लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

सुन-सुन गे देवी देवी असामरि
तोरा कहै छी दिल के वार्त्ता
घड़ी राति बोन अगैली बीत गेल
घड़ी राति बोन पैछिली बीत गेल
गाम-गाममे पहरा परि गेल
गीदड़ भालु गुड़गुड़ी मारैय
सुखल डारि पर कागा बोलि गेल
सन सन सन सन झोंका उठैय
एहि समयमे मैया तहुँ किया एयलै गै।।
एहि समयमे मैया कहमा एलही गै।।
एत्ते जवाब नरूपिया करै छै
तबे जवाब दुर्गा जे दइये।
सुन सुन सुनले बेटा नरूपिया
पुरूब राज पुरैनियाँ घुमलौं
पछिम राज विराट घुमलौं
सात खोल धौलागिरी घुमलय
चल चल राज पकरिया कंचनगढ़मे
घुरि-फिरी अबिहय राज पकरिया से रौ।।