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सुन भी ऐ नग़्मासंजे-कुंजे-चमन अब समाअत का इन्तज़ार किसे / फ़राज़

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सुन भी ऐ नग़्मासंजे-कुंजे-चमन<ref>उपवन के कोने के गायक</ref> अब समाअत<ref>श्रवण करना</ref> का इंतज़ार किसे
कौन-सा पैरहन<ref>परिधान</ref> सलामत है दीजिए दावते-बहार<ref>बहार का नियंत्रण</ref> किसे

जल बुझीं दर्दे-हिज्र<ref>वियोग के दर्द</ref>की शम्एँ घुल चुके नीम-सोख़्ता <ref>अधजले</ref>पैकर<ref>प्रतिमाएँ</ref>
सर में सौदा-ए-ख़ाम <ref>वृथा(बेकार)उन्माद</ref>हो भी क्या ताक़तो-ताबे--इंतज़ार <ref>प्रतीक्षा की शक्ति</ref>किसे

नक़्दे-जाँ<ref>जान जैसी नक़दी</ref> भी तो नज़्र <ref>भेंट</ref>कर आए और हम मुफ़लिसों<ref>दरिद्रों</ref>के पास था क्या
कौन है अहले-दिल<ref>दिल वालों</ref>में इतना ग़नी<ref>दयालू</ref>इस क़दर पासे-तब्ए-यार<ref>मित्र के स्वभाव का लिहाज़</ref>किसे

काहिशे-ज़ौक़े-जुस्तजू <ref>तलाश की अभिरुचि</ref>मालूम दाग़ है दिल चिराग़ हैं आँखें
मातमे-शहरे-आरज़ू<ref>आकांक्षा के नगर का शौक़</ref>कीजे फ़ुर्सते-नग़्म-ए-क़रार<ref>शांति-गीत का अवसर</ref>किसे

कौन दारा-ए-मुल्के-इश्क़ हुआ किस को जागीर-ए-चश्मो-ज़ुल्फ़ मिली
"ख़ूने-फ़रहाद,बर-सरे-फ़रहाद<ref>फ़रहाद का ख़ून फ़रहाद के सर</ref>क़स्रे-शीरीं <ref>शीरीं का महल</ref>पे इख़्तियार<ref>वश</ref> किसे"

हासिले-मशबे-मसीहाई <ref>मुर्दे को जिलाने(जीवित करने) के काम का प्राप्य</ref>संगे-तहक़ीरो-मर्गे-रुस्वाई<ref>तिरस्कार का पत्थर और बदनामी की मृत्यु</ref>
क़ामते-यार<ref>प्रेयसी का क़द</ref>हो कि रिफ़अते-दार<ref>फाँसी के तख़्ते की ऊँचाई</ref>इन सलीबों का एतबार किसे

शब्दार्थ
<references/>