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सुन मेरी मैया, मैं पडूँ तेरे पैंया / ब्रजभाषा
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♦ रचनाकार: अज्ञात
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सुन मेरी मैया, मैं पडूँ तेरे पैंया,
मेरो छोटौ सौ काम कराय दै,
राधा गोरी से ब्याह रचाय दै।
राधा-सी गोरी मेरे मन में बसी है,
ग्वाल उड़ावे नहीं मेरी हँसी है।
मौकूँ छोटी-सी दुल्हनियाँ लाय दै,
अपने हाथों से दुल्हा बनाय दै॥ सुन.
सेवा-वो मैया तेरी रोज करेगी,
जोड़ी तो मैया मेरी खूब जमेगी।
नन्द बाबा कूँ तू नेंक समझाय दै,
दाऊ भैया कूँ नेंक संग पठाय दै॥ सुन.
गाँव बरसानी जाकौ सब जग जाने,
गाय न चराऊं तेरी तू न मेरी मानें।
अब सोमनाथ काऊँ कूँ पठाय दै,
रमेश भैया कूँ तू बुलवाय दै॥
मेरो छोटौ सौ काम कराय दै,
राधा गोरी से ब्याह रचाय दै॥