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सुपथ / नंदेश निर्मल

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सदाचार जीवन में बच्चों
कठिन लक्ष्य तक पहुंचाता है
सीढ़ी सरल बना राहों की
निशि दिन उज्जवलता है।

सदाचार जीवन में बच्चों
कठिन लक्ष्य तक पहुँचाता है।

अरूणोदय से कवल जागना
नित्य कर्म से निवृत होकर
फिर तन्मय हो पाठ सीखना
यही प्रथम तो करवाता है।

सदाचार जीवन में बच्चों
कठिन लक्ष्य तक पहुँचाता है।

माता-पिता बड़ों की सेवा
शिक्षा का यह मुख्य पाठ है
देश-धर्म पर वलि-वलि जाना
सीख हमें यह सिखलाता है।


सदाचार जीवन में बच्चों
कठिन लक्ष्य तक पहुँचाता है।

नेह करो कक्षा में सब से
मधुर भाव में वाणी बोलो
जिससे भी हो सद्गुण सीखो
लाभ यही बस पहुँचाता है।

सदाचार जीवन में बच्चों
कठिन लक्ष्य तक पहुँचाता है।

किसी पेड़ को कभी न काटो
शुद्ध हवा इससे है रहती
बाग-बगीचा खूब लगाओ
यह फल तुमको खिलवाता है।

सदाचार जीवन में बच्चों
कठिन लक्ष्य तक पहुँचाता है।

पढ़ते लिखते रहो मगर तुम
खेल-कूद में अव्वल आओ
देखो सचिन कहाँ तक पहुँचा
वीर देश का कहलाता है
सदाचार जीवन में बच्चों
कठिन लक्ष्य तक पहुँचाता है।