भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

सुबह की दुआ / असद ज़ैदी

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

जीवित रहे मेरी रज़ाई जिसने मुझे पाला है
जीवित रहे सुबह जो मेरी ख़ुशी है

और रहें फिर संसार में वे जिन्हें रहना है