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सुबह / बहादुर पटेल
Kavita Kosh से
ऎन सुबह चाँद बहुत सुन्दर लगा
जाते-जाते
उसने अलविदा कहा
फिर मिलने के वास्ते
कुछ टुकड़े चाँदनी के बिखर गए
उसकी रोशनी से सूरज की
लालिमा धुल गई
साफ़ झक्क सूरज चमक रहा
आसमान में ।