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सुमिरन करूँ गणेश तुम्हारा वन्दन माता / रंजना वर्मा
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सुमिरन करूँ गणेश, तुम्हारा वन्दन माता
विघ्न हरण गणनाथ सदा तुम सुख के दाता
सुनो अर्ज हे मात चरण में शीश नवाऊँ
करते वन्दन नित्य सदाशिव विष्णु व धाता
विनय करूँ कर जोड़ शारदा मात विधात्री
मैं हूँ शिशु अनजान शरण अब ले लो माता
विश्वमोहिनी मात दया हम पर कर देना
शरण तुम्हारी आज नहीं कुछ हमको आता
निष्कलंक दें ज्ञान हमें गौरी के प्यारे
करिये बुद्धि प्रदान शम्भू शिव भाग्य विधाता
जिसने मन में कृष्ण नाम की लगन लगा ली
उसके मन घनश्याम सदा हँसता मुस्काता
घेरे माया मोह जगत वारिधि अति भारी
थामे कर पतवार कन्हैया पार लगाता