सुरक्षित / चार्ल्स बुकोवस्की / सरिता शर्मा
बगल वाला घर देख मैं
उदासी से घिर जाता हूँ।
मियाँ-बीवी जल्दी उठ कर
काम पर निकल जाते हैं।
शाम को जल्दी घर लौट आते हैं।
उनका जवान बेटा और बेटी है।
रात नौ बजे तक बुझ जाती हैं
घर में सभी बत्तियाँ।
अगली सुबह फिर से जल्दी उठ कर
काम पर निकल जाते हैं
पति-पत्नी दोनों।
वे शाम को जल्दी वापस आ जाते हैं।
सभी बत्तियाँ बुझा दी जाती हैं रात में
नौ बजे तक।
बगल वाला घर मुझे
उदास कर देता है
वे लोग अच्छे लोग हैं
मैं पसन्द करता हूँ उन्हें।
मगर मुझे लगता है डूब रहे हैं वे
और मैं उन्हें नहीं बचा सकता।
वे ज़िन्दा हैं।
बेघर
नहीं हैं।
मगर इसकी
क़ीमत भयावह है।
किसी रोज़ दिन के समय
मैं घर को देखूंगा
और घर भी देखेगा
मुझको
और घर के आँसू निकल पड़ेंगे
हाँ, वह रोता है, मुझे
ऐसा महसूस होता है.
मूल अँग्रेज़ी से अनुवाद : सरिता शर्मा
और अब अँग्रेज़ी में यही कविता पढ़िए
Safe
the house next door makes me
sad.
both man and wife rise early and
go to work.
they arrive home in early evening.
they have a young boy and a girl.
by 9 p.m. all the lights in the house
are out.
the next morning both man and
wife rise early again and go to
work.
they return in early evening.
By 9 p.m. all the lights are
out.
the house next door makes me
sad.
the people are nice people, I
like them.
but I feel them drowning.
and I can't save them.
they are surviving.
they are not
homeless.
but the price is
terrible.
sometimes during the day
I will look at the house
and the house will look at
me
and the house will
weep, yes, it does, I
feel it.