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सुराज मांग / लोकगीता / लक्ष्मण सिंह चौहान

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भीषम, विराट, सरपंच श्री कृष्ण रामा।
बिदुर, द्रुपद आदि पंच हो सांवलिया॥
सब मिली पाण्डव के त्याग तप देखी रामा।
एत दुख जानी के बिचारैय हो सांवलिया॥
चलु कुलवोरना के पास एक बार रामा।
देखियो ते लेबैय किय चाहैय हो सांवलिया॥
पंच सरपंच मिली खूबे समुझावैय रामा।
कुल बोरना त टस सें न मस हो सांवलिया॥
पांच गांव पाण्डव गुजर करे मांगेय रामा।
तनिको न लोभ युधिष्ठिर हो सांवलिया॥