सुर न सजे क्या गाऊँ मैं
सुर के बिना जीवन सूना
दोनों जहाँ मुझ से रूठे
तेरे बिना ये गीत भी झूठे
जलता गया जीवन मेरा
इस रात का न होगा सवेरा
संगीत मन को पंख लगाए
गीतों से रिमझिम बरसाए
स्वर की साधना परमेश्वर की !
सुर न सजे क्या गाऊँ मैं
सुर के बिना जीवन सूना
दोनों जहाँ मुझ से रूठे
तेरे बिना ये गीत भी झूठे
जलता गया जीवन मेरा
इस रात का न होगा सवेरा
संगीत मन को पंख लगाए
गीतों से रिमझिम बरसाए
स्वर की साधना परमेश्वर की !