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सुवारिया री बेटी भेरूजी थारी सेवा अई रे / मालवी
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♦ रचनाकार: अज्ञात
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सुवारिया री बेटी भेरूजी थारी सेवा अई रे
थारी सेवा अई, ने बाजुट लाई रे
काका मतवाला थें म्हारी नींद गमाई रे
नींद गमाई, सारी रैन जगाई रे
चावुकड़े चमकाई रे
कंठालियारी बेटी भेरूजी थारी सेवा आई रे
थारी सेवा आई, नारेक लाई रे
तेली री बेटी भेरूजी, थारी सेवा आई रे
थारी सेवा आई, तेल-सिन्दूर लाई रे
माली की बेटी भेरूजी, थारी सेवा आई रे
थारी सेवा आई, फुलड़ा लाई रे
तमोली की बेटी भेरूजी, थारी सेवा आई रे
थारी सेवा जाई, बिड़ला लाई रे
हलवाई की बेटी भेरूजी, थारी सेवा आई रे
थारी सेवा आई, सिरनी लाई रे
सेपकरी बेटी भेरूजी थारी सेवा आई रे
थारी सेवा आई, गुड़-गोकर लाई रे
काक मतवाला थें म्हारी नींद गमाई रे
नींद गमाई, सारी रैन जगाई
चावुकड़े चमकाई रे।