सूँड़ हिलाता हाथी आया
बोला जाऊँगा दिल्ली,
मुझे चिढ़ाकर भाग गई है
काली सी एक बिल्ली।
मैं बोला ओ हाथी प्यारे
तू वन का है राजा,
छोड़ उसे तू, खा जंगल के
फल ये ताजा-ताजा।
बहुत बड़ी है दिल्ली, उसमें
बिल्ली छिप जाएगी,
खूब हँसेगी तुझ पर,
तेरे हाथ नहीं आएगी।