भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

सूगलो बिम्ब / सांवर दइया

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

कीं काळा
अर लाल-लाल
चगदा-सा बादळ
आभै में खिंडियोड़ा
दूर-दूर
जाणै बिना धोयां ई
सूकाय दिया हुवै किणी
लुगाई –धर्म रै दिनां रा
धोळा पूर !