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सूधी गाय / सांवर दइया

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च्यारूंमेर
मूंगीछम धरती

मुळकता-महकता खेत:
ऊमर रै बीसवैं पगोथियै ऊभ
पैलड़ै जापै सूं उठ’र
आळस मरोड़ती
          गोरड़ी कोई

रत्ती उजाड़ रो ई
ओळभो नीं थांनै
       थे पोमीजो
          मोदीजो
मारग-मारग आवूं
मारग-मारग जावूं
गांव चावी म्हैं थांरी
        सूधी गाय

कठै ई विचरूं
किणी नै कोई डर कोनी
म्हारै मूण्ड बंध्योड़ी है
             छींकी
म्हैं थांरी सूधी गाय !