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सूरज की कविताएँ (बच्चे का चेहरा) / सोमदत्त
Kavita Kosh से
सूरज का चेहरा
इस वक़्त
मेरे बच्चे के ख़ून जैसा है
अपने बच्चे
और सूरज
दोनों के चेहरे की तमतमाहट
मुझसे बर्दाश्त नहीं होती