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सूरज की सीध में / लीलाधर मंडलोई
Kavita Kosh से
कान है लेकिन कान नहीं देती
हाथ है लेकिन हाथ नहीं देती
आँख है लेकिन आँख नहीं देती
मन है लेकिन मन नहीं देती
काम पे जाती हुई लड़की
काम पे जाती है
सूरज की सीध में