सूरज से जो भागे तो था साया आगे
साया भी समिटता गया ज्यों ज्यों आगे
ठहरे, ज़रा सोचा तो ये इरफान हुआ
जो जान के सोया हो वो कैसे जागे।
सूरज से जो भागे तो था साया आगे
साया भी समिटता गया ज्यों ज्यों आगे
ठहरे, ज़रा सोचा तो ये इरफान हुआ
जो जान के सोया हो वो कैसे जागे।