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सूर्य किरण / कानेको मिसुजु / तोमोको किकुची
Kavita Kosh से
सूर्य के अनेक दूत
आसमान से एक साथ निकल पड़े,
रास्ते पर दक्खिनी हवा से मिले ।
हवा ने पूछा —
तुम लोग कहाँ, क्या करने जा रहे हो ?
एक दूत ने बताया —
धरती पर प्रकाश फैलाऊँगा,
ताकि सब लोग अपना काम कर सकें ।
दूसरा दूत बहुत ख़ुश —
मेरी किरण से फूल खिलेगा,
दुनिया आनन्दित हो जाएगी ।
तीसरे दूत ने सहृदय धीमे-धीमे बताया —
एक धनुषाकार पुल बनाऊँगा,
उसकी अत्यन्त स्वच्छ आत्मा ।
अन्तिम दूत मुरझाया —
फिर तो मैं भी ’छाया’ बनाने
आपके साथ निकलूँगा ।
मूल जापानी से अनुवाद : तोमोको किकुची