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सूर्य मरने के ऐलान अपनी जगह / बल्ली सिंह चीमा
Kavita Kosh से
सूर्य मरने के ऐलान अपनी जगह ।
हैं अँधेरे परेशान अपनी जगह ।
भूखे बच्चे हैं हैरान अपनी जगह ।
दूध पीते हैं भगवान अपनी जगह ।
हक़ से वंचित है इन्सान अपनी जगह ।
ख़ूबसूरत है संविधान अपनी जगह ।
तन पे क़ायम है ईमान अपनी जगह ।
मन में ज़िन्दा है शैतान अपनी जगह ।