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सूर्य / कुँअर रवीन्द्र
Kavita Kosh से
मैंने उगते हुए सूर्य को देखा है
भारी भीड़ के बीच खड़े होकर
मैंने डूबते हुए सूर्य को भी देखा है
अकेले खड़े रह कर
सूर्य जब भी डूबा है
अकेला ही
आस पास
दूर-दूर तक कोई और नहीं
और लोग तुरंत ही
नये दिन के साथ नए सूर्य की
अगवानी के लिए
उत्साहित हो जुट जाते हैं