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सेठ की रात अभी बाकी है / राग तेलंग

सेठ धीरे-धीरे चलता है
सेठ दौड़ नहीं पाता
सेठ हांफ जाता है
सेठ साफ नहीं बोल पाता

सेठ कयामत से डरता है

सौ दिन सेठ के
एक दिन कयामत का

सेठ रोज डरते हुए जीता है

सेठ के लिए हर दिन कयामत है.