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सेलिब्रिटी / प्रीति 'अज्ञात'
Kavita Kosh से
समझने लगे वे
खुद को सेलिब्रिटी
बड़े हो गए
तो आप जरा अदब से मिलें
करें दुआ- सलाम रोजाना
देखें उनकी ओर
कृपादृष्टि बरसने की उम्मीद लिए
एक पल को तो लगेंगे ये
बेहद अहंकारी, कुंठित
पर लेना जायजा कभी
इनके आसपास मौज़ूदा भीड़ का
पाओगे कुछ को
रोज मजमा लगाने वाले
मदारी की तरह
कुछ की हालत से
पसीजेगा भी ह्रदय
जब देखोगे इन्हें
किसी और के आगे-पीछे
हाथ बाँधे खड़े हुए
बोरिंग पासिंग गेम की तरह
बड़े-छोटे समझने का यह भ्रम
सृष्टि में सदियों से है जारी
आगे भी रहेगा
भटकती सभ्यता और
आखिरी मानव की
आखिरी साँसों के
बीत जाने तक
अब ये तुम पर है
कि ज़िंदगी की शतरंज में
स्वयं को कहाँ खड़ा
करना चाहोगे
बस डूबते सूरज को
ध्यान में रखना