भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

से हमर तऽ इज्जतिया तऽ बचा दे / मैथिली लोकगीत

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

मैथिली लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

से हमर तऽ इज्जतिया तऽ बचा दे
हमर तऽ इज्जतिया बहिनियाँ
तुहीं तऽ बचादेही गै
हमर तऽ इज्जतिया बहिना
बचा दही गै।
जेहने तऽ बाबूजी हमर राज तऽ बराँट
तेहने तऽ तोहरो बाबूजी हेतौ
राज तऽ बराँट ने गय।