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सैनिकों का देश के कोई न सानी है / रंजना वर्मा
Kavita Kosh से
सैनिकों का हिन्द के कोई न सानी है।
देश की खातिर समर्पित नित जवानी है॥
देश भारत है अनोखा विश्व से न्यारा
दूध की नदियाँ यहाँ पुरवा सुहानी है॥
देश सेवा कि कसम थी जिस घड़ी खायी
जानता था जान देकर भी निभानी है॥
लिख रहा इतिहास है तू खून से अपने
बस तभी दुनियाँ हुई तेरी दिवानी है॥
देख लेता है उठा कर तू जिधर नजरें
शौर्य की तेरे वहीं बनती कहानी है॥
सोचती माँ फौजियों के कर्म की गाथा
गर्व से हर लाल को उस को सुनानी है॥
सिर कटा देना मगर झुकने नहीं देना
ले तिरंगा ये कसम तुझको उठानी है॥